सनातनबोर्ड की मांग का अर्थ है, समस्त सनातन समाज ने वक्फ बोर्ड के अस्तित्व को स्वीकार कर लिया है।
जबकि यह सारी धरती गोपाल की है।
और यही यथार्थ है।
हमें वक्फ की समाप्ति चाहिए,
वक्फ के समानांतर व्यवस्था नहीं।
एक और बंटवारे की नींव रखने का दोष अपने सिर पर मत रखिए।
सनातन पीठों को अभी ज्ञात तक नहीं सनातन-बोर्ड की मांग की आड़ में देवकीनंदन जी क्या गुल खिलाना चाहते हैं।
सनातनबोर्ड की मांग का अर्थ है, समस्त सनातन समाज ने वक्फ बोर्ड के अस्तित्व को स्वीकार कर लिया है।
जबकि यह सारी धरती गोपाल की है।
और यही यथार्थ है।
हमें वक्फ की समाप्ति चाहिए,
वक्फ के समानांतर व्यवस्था नहीं।
एक और बंटवारे की नींव रखने का दोष अपने सिर पर मत रखिए।
सनातन पीठों को अभी ज्ञात तक नहीं सनातन-बोर्ड की मांग की आड़ में देवकीनंदन जी क्या गुल खिलाना चाहते हैं।