जैन धर्म में व्रत, उपवास मुख्य तौर किया जाता है। जबकि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने के लिए मना किया गया है। वहीं विचार करें परमात्मा हम सभी का पिता है तो क्या एक पिता अपने बच्चों को भूखा देख खुश हो सकता है।
इसलिए मोक्ष दायक भक्ति विधि जानने के लिए पढ़िये 'हिन्दू साहेबान नहीं समझे गीता वेद पुराण'
Sant Rampal Ji Maharaj
जैन धर्म में व्रत, उपवास मुख्य तौर किया जाता है। जबकि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने के लिए मना किया गया है। वहीं विचार करें परमात्मा हम सभी का पिता है तो क्या एक पिता अपने बच्चों को भूखा देख खुश हो सकता है।
इसलिए मोक्ष दायक भक्ति विधि जानने के लिए पढ़िये 'हिन्दू साहेबान नहीं समझे गीता वेद पुराण'
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क्या आप जानते हैं महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती,न मोक्ष।
Sant Rampal Ji Maharaj
क्या आप जानते हैं महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती,न मोक्ष।
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दुर्गा अर्धकुँवारी है तो माता क्यों कहते हैं?
जरा विचार करिए, खेमराज श्री कृष्णदास प्रकाशन, बंबई से प्रकाशित श्रीमद्देवीभागवत के तीसरे स्कन्ध के अध्याय 4 श्लोक 42, अध्याय 5 श्लोक 8 व 12 से स्पष्ट है कि दुर्गा जी का पति काल ब्रह्म है और उनके तीन पुत्र ब्रह्मा, विष्णु व शिव जी हैं। तो फिर दुर्गा जी अर्धकुँवारी कैसे हुईं।
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दुर्गा अर्धकुँवारी है तो माता क्यों कहते हैं?
जरा विचार करिए, खेमराज श्री कृष्णदास प्रकाशन, बंबई से प्रकाशित श्रीमद्देवीभागवत के तीसरे स्कन्ध के अध्याय 4 श्लोक 42, अध्याय 5 श्लोक 8 व 12 से स्पष्ट है कि दुर्गा जी का पति काल ब्रह्म है और उनके तीन पुत्र ब्रह्मा, विष्णु व शिव जी हैं। तो फिर दुर्गा जी अर्धकुँवारी कैसे हुईं।
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कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। उनका जन्म मां से नहीं हुआ।
1Days Left Kabir Prakat Diwas
कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। उनका जन्म मां से नहीं हुआ।
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ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत 1455 (सन 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए
3Days Left Kabir Prakat Diwas
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत 1455 (सन 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए
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कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। उनका जन्म मां से नहीं हुआ।
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कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। उनका जन्म मां से नहीं हुआ।
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#जा_का_पाया_नहीं_शरीरा
हिन्दू राजा बीर सिंह बघेल और मुस्लिम राजा बिजली ख़ाँ पठान को कबीर परमात्मा ने सतलोक जाने से पहले कहा जो मेरे जाने के बाद मिले आधा आधा बांट लेना। दो चद्दर और सुगंधित फूल मिले, परमात्मा का शरीर नहीं मिला।
Nirvan Diwas
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हिन्दू राजा बीर सिंह बघेल और मुस्लिम राजा बिजली ख़ाँ पठान को कबीर परमात्मा ने सतलोक जाने से पहले कहा जो मेरे जाने के बाद मिले आधा आधा बांट लेना। दो चद्दर और सुगंधित फूल मिले, परमात्मा का शरीर नहीं मिला।
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1Day Left For Bodh Diwas
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नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार ग्रेट शायरन हैं संत रामपाल जी महाराज। उन्हीं संत के बोध दिवस पर 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है।
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नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार ग्रेट शायरन हैं संत रामपाल जी महाराज। उन्हीं संत के बोध दिवस पर 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है।
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