अनिरुद्धाचार्य जी ध्यान और योग को मोक्ष का मार्ग बताते हैं। परंतु गीता अध्याय 6 श्लोक 47 में कहा गया है कि सभी योगियों में से जो श्रद्धा से मेरी भक्ति करता है, वही मुझसे सबसे अधिक जुड़ा हुआ है। संत रामपाल जी महाराज इस श्लोक के आधार पर बताते हैं कि भक्ति ही मोक्ष का मार्ग है, न कि केवल ध्यान और योग।
Fake Kathavachak
अनिरुद्धाचार्य जी ध्यान और योग को मोक्ष का मार्ग बताते हैं। परंतु गीता अध्याय 6 श्लोक 47 में कहा गया है कि सभी योगियों में से जो श्रद्धा से मेरी भक्ति करता है, वही मुझसे सबसे अधिक जुड़ा हुआ है। संत रामपाल जी महाराज इस श्लोक के आधार पर बताते हैं कि भक्ति ही मोक्ष का मार्ग है, न कि केवल ध्यान और योग।
Fake Kathavachak