गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में बताया है पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं जबकि हिंदू धर्म के लोग पितरों की पूजा करते हैं और करवाते हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj
गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में बताया है पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं जबकि हिंदू धर्म के लोग पितरों की पूजा करते हैं और करवाते हैं।
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पांच सहस्र अरु पांच सौ, जब कलयुग बीत जाए |
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए ||
वह एकमात्र महापुरुष कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जो सनातन धर्म का पुनर्गठन करेंगे।
Sant Rampal Ji Maharaj
पांच सहस्र अरु पांच सौ, जब कलयुग बीत जाए |
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए ||
वह एकमात्र महापुरुष कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जो सनातन धर्म का पुनर्गठन करेंगे।
Sant Rampal Ji Maharaj
पांच सहस्र अरु पांच सौ, जब कलयुग बीत जाए |
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए ||
वह एकमात्र महापुरुष कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जो सनातन धर्म का पुनर्गठन करेंगे।
Sant Rampal Ji Maharaj
पांच सहस्र अरु पांच सौ, जब कलयुग बीत जाए |
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए ||
वह एकमात्र महापुरुष कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जो सनातन धर्म का पुनर्गठन करेंगे।
Sant Rampal Ji Maharaj
पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
Sant Rampal Ji Maharaj
पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
Sant Rampal Ji Maharaj
#जा_का_पाया_नहीं_शरीरा
परमेश्वर कबीर जी माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विक्रम संवत 1575 (सन 1518) को सशरीर सतलोक गए थे। कबीर साहेब अविनाशी हैं। सशरीर प्रकट होते हैं, सशरीर चले जाते हैं - प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3
Nirvan Diwas
#जा_का_पाया_नहीं_शरीरा
परमेश्वर कबीर जी माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विक्रम संवत 1575 (सन 1518) को सशरीर सतलोक गए थे। कबीर साहेब अविनाशी हैं। सशरीर प्रकट होते हैं, सशरीर चले जाते हैं - प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3
Nirvan Diwas
कबीर परमात्मा मगहर से सशरीर सतलोक गए थे
जिंदा जोगी जगत गुरु, मालिक मुरशद पीर।
दहूँ दीन झगड़ा मंड्या, पाया नहीं शरीर।।
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस
कबीर परमात्मा मगहर से सशरीर सतलोक गए थे
जिंदा जोगी जगत गुरु, मालिक मुरशद पीर।
दहूँ दीन झगड़ा मंड्या, पाया नहीं शरीर।।
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस
17 फरवरी को उस महान संत रामपाल जी महाराज जी का बोध दिवस है, जिन्होंने मानव कल्याण के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। और देखते ही देखते पूरे विश्व में अपने तत्त्वज्ञान का परचम लहरा दिया।
17th February 1988
17 फरवरी को उस महान संत रामपाल जी महाराज जी का बोध दिवस है, जिन्होंने मानव कल्याण के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। और देखते ही देखते पूरे विश्व में अपने तत्त्वज्ञान का परचम लहरा दिया।
17th February 1988