भावभीनी श्रद्धांजलि!
भावभीनी श्रद्धांजलि!
शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना।
भावभीनी श्रद्धांजलि।
#ZakirHussain
शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना।
भावभीनी श्रद्धांजलि।
#ZakirHussain
- वाराणसी में अस्पताल में श्वान घूम रहे हैं।
- प्रयागराज में नक़ली प्लेटलेट्स का धंधा चल रहा है।
- आगरा में नक़ली दवाओं का काला कारोबार का ज़ोर पर है।
- नये मेडिकल कॉलेज में दरारें आ गयीं।
- वाराणसी में अस्पताल में श्वान घूम रहे हैं।
- प्रयागराज में नक़ली प्लेटलेट्स का धंधा चल रहा है।
- आगरा में नक़ली दवाओं का काला कारोबार का ज़ोर पर है।
- नये मेडिकल कॉलेज में दरारें आ गयीं।
झूठ के मामले में दुनिया में ‘नंबर 1’ एक बनाया
झूठ के मामले में दुनिया में ‘नंबर 1’ एक बनाया
प्रभुत्ववादियों को उनके किये की सज़ा तत्काल मिलनी चाहिए।
निंदनीय!
प्रभुत्ववादियों को उनके किये की सज़ा तत्काल मिलनी चाहिए।
निंदनीय!
हम एक दिन गिनवा के ही मानेंगे। भाजपा जातिगत-जनगणना हमेशा के लिए नहीं टाल सकती।
हम एक दिन गिनवा के ही मानेंगे। भाजपा जातिगत-जनगणना हमेशा के लिए नहीं टाल सकती।
न्याय का मान न्यायालय ही सुनिश्चित करेगा।
#SupremeCourt
#SupremeCourtofIndia
न्याय का मान न्यायालय ही सुनिश्चित करेगा।
#SupremeCourt
#SupremeCourtofIndia
झारखंड में जनमत ने छल-बल को हरा दिया है।
झारखंड में जनमत ने छल-बल को हरा दिया है।
ये पीडीए की एकजुटता की जीत है!
ये पीडीए की एकजुटता की जीत है!
अब तो असली संघर्ष शुरू हुआ है… बाँधो मुट्ठी, तानो मुट्ठी और पीडीए का करो उद्घोष ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे!’
अब तो असली संघर्ष शुरू हुआ है… बाँधो मुट्ठी, तानो मुट्ठी और पीडीए का करो उद्घोष ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे!’
भाजपा को वोट देना भ्रष्टाचार को बढ़ाना है और अपने भविष्य को अंधकारमय बनाना है।
जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
भाजपा को वोट देना भ्रष्टाचार को बढ़ाना है और अपने भविष्य को अंधकारमय बनाना है।
जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
इतनी ‘ख़ुदगर्ज़ी’ भी अच्छी नहीं!
आईना मुँह मोड़ ले तुम्हें देख के
इतनी भी बे-ज़मीरी अच्छी नहीं!
जब बने हो तुम ‘हक़ के पहरेदार’
तो सरेआम ‘हक़मारी’ अच्छी नहीं!
अवाम को है ‘तुमसे’ उम्मीदें बहुत
यूँ तख़्तों की वफ़ादारी अच्छी नहीं!
वक़्त रहते सुन लो दिल की आवाज़
यूँ ख़ुद से की गई ग़द्दारी अच्छी नहीं!
जब मौक़ा है ‘दुआओं’ को पाने का
यूँ बद्दुआओं की कमाई अच्छी नहीं!
इतनी ‘ख़ुदगर्ज़ी’ भी अच्छी नहीं!
आईना मुँह मोड़ ले तुम्हें देख के
इतनी भी बे-ज़मीरी अच्छी नहीं!
जब बने हो तुम ‘हक़ के पहरेदार’
तो सरेआम ‘हक़मारी’ अच्छी नहीं!
अवाम को है ‘तुमसे’ उम्मीदें बहुत
यूँ तख़्तों की वफ़ादारी अच्छी नहीं!
वक़्त रहते सुन लो दिल की आवाज़
यूँ ख़ुद से की गई ग़द्दारी अच्छी नहीं!
जब मौक़ा है ‘दुआओं’ को पाने का
यूँ बद्दुआओं की कमाई अच्छी नहीं!